संपादकीय
घबराए नेतृत्व की हड़बड़ी
घबराहट चौतरफा है। ऐसा डिगा हुआ आत्मविश्वास पिछले सात वर्षों में शायद ही देखने में आया हो। धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल केंद्र में सत्ताधारियों का […]
छोटे अपराध बड़े दंड
मुंबई में पिछले पूरे महीने जो ड्रामा चलता रहा और लगता है आगे भी जारी रहने वाला है, वह वर्तमान सरकार ही नहीं बल्कि हर […]
चिकित्सकीय शिक्षाः विकेंद्रीकरण जरूरी क्यों है?
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) जो हिंदी में ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा’ कहलाती है, मूलत: देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में, चाहे वे […]
मानव विरोधी अवैज्ञानिकता
यह देखना, इस दौर में, आशाजनक और आश्वस्तकर है कि अंतत: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (भारतीय चिकित्सा संगठन) ने आधुनिक चिकित्साशास्त्र बल्कि कहना चाहिए तार्किकता और […]
कोरोना, तुलसीदास और ‘भावी’का खेल
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड- 19 से मरने वालों के परिजनों को सांत्वना देने के लिए ‘महाकवि तुलसीदास के जिस दोहे का […]
छोटी छोटी बातें बड़े बड़े प्रसंग
लगता है हमारी सरकारें मान कर चल रही हैं कि जनता को लगातार बहकावे में रखा जा सकता है। कोविड-19 महामारी की आड़ में वह […]
अमेरिका का संदर्भ भारत का पाठ
इसमें दो राय नहीं कि संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया के सफलतम लोकतंत्रों में है। इस अर्थ में कि वहां उसके सभी स्तंभ, विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका […]