लता मंगेशकर
लता मंगेशकरः अमर आवाज की अप्रतिम गायिका
दरअसल, लता मंगेशकर से पहले की गायिकाओं के गायन पर ‘महफिल’ गायकी का असर था। लता मंगेशकर ने पार्श्वगायकी 1942 से ही शुरू कर दी थी और शुरू में उनकी गायकी पर नूरजहां का असर साफ देखा जा सकता था। लेकिन उनकी पहचान 1948-49 में बनी, यानी आजादी के बाद की पहली और विशिष्ट गायिका के रूप में वह उभरकर सामने आईं। लेकिन जैसा कि हिंदी फिल्म संगीत पर गहन विचार करने वाले अशरफ अजीज का कहना है कि पार्श्वगायिका के रूप में लता मंगेशकर का उभरना दरअसल स्त्रियों के प्रति बदलते रवैये का द्योतक है।