अनुत्पादक पूंजी की चरम अभिव्यक्ति
हमारे रोजमर्रा के लेन-देन में केवल लेन-देन डिजिटल तरीके से होता है, जबकि हमारी मुद्रा वही रुपया, डॉलर, इत्यादि होती है। जबकि क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा ही अलग होती है। इस मुद्रा में इसकी सुरक्षा के लिए गुप्त कोड होते हैं जो इसे सुरक्षित रखते हैं और धारक की पहचान को गुप्त रखते हैं। गुप्त कोडिंग की इस प्रक्रिया को क्रिप्टोग्राफी कहते हैं, इसीलिए ऐसी मुद्राओं को क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। एक वेबसाइट के अनुसार, दुनियाभर में ऐसी लगभग 13,000 मुद्राएं चलन में हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चर्चा ‘बिटक्वायन’ की ही होती है।