एई पथ जोदि ना शेष होय….
बांग्ला की सुप्रसिद्ध गायिका संध्या मुखर्जी को नित्यानंद गायेन की श्रृद्धांजलि चर्चित शास्त्रीय गायिका संध्या मुखर्जी का 15 फरवरी, 2022 को 91 वर्ष की उम्र […]
बांग्ला की सुप्रसिद्ध गायिका संध्या मुखर्जी को नित्यानंद गायेन की श्रृद्धांजलि चर्चित शास्त्रीय गायिका संध्या मुखर्जी का 15 फरवरी, 2022 को 91 वर्ष की उम्र […]
दरअसल, लता मंगेशकर से पहले की गायिकाओं के गायन पर ‘महफिल’ गायकी का असर था। लता मंगेशकर ने पार्श्वगायकी 1942 से ही शुरू कर दी थी और शुरू में उनकी गायकी पर नूरजहां का असर साफ देखा जा सकता था। लेकिन उनकी पहचान 1948-49 में बनी, यानी आजादी के बाद की पहली और विशिष्ट गायिका के रूप में वह उभरकर सामने आईं। लेकिन जैसा कि हिंदी फिल्म संगीत पर गहन विचार करने वाले अशरफ अजीज का कहना है कि पार्श्वगायिका के रूप में लता मंगेशकर का उभरना दरअसल स्त्रियों के प्रति बदलते रवैये का द्योतक है।
हमारे रोजमर्रा के लेन-देन में केवल लेन-देन डिजिटल तरीके से होता है, जबकि हमारी मुद्रा वही रुपया, डॉलर, इत्यादि होती है। जबकि क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा ही अलग होती है। इस मुद्रा में इसकी सुरक्षा के लिए गुप्त कोड होते हैं जो इसे सुरक्षित रखते हैं और धारक की पहचान को गुप्त रखते हैं। गुप्त कोडिंग की इस प्रक्रिया को क्रिप्टोग्राफी कहते हैं, इसीलिए ऐसी मुद्राओं को क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। एक वेबसाइट के अनुसार, दुनियाभर में ऐसी लगभग 13,000 मुद्राएं चलन में हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चर्चा ‘बिटक्वायन’ की ही होती है।
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