राष्ट्रीय आय में वृद्धि लेकिन जन कल्याण में गिरावट
औसत आंकड़ों के साथ दिक्कत यह है कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों और तबकों के बीच की आय में अत्यधिक विषमता को यह छुपा लेता है। इसी तरह, एक ही काम के बदले पुरुषों और महिलाओं तथा युवाओं और वृद्धों द्वारा अर्जित मजदूरी में भी अंतर होता है। असंगठित क्षेत्र का एक श्रमिक एक लाख रुपए तक कमा सकता है, जबकि एक कंपनी का मालिक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा कमा सकता है।