No Image

चिली का चुनावः गैब्रियल बोरिस की जीत के मायने

January 17, 2022 admin 0
Share:

नव निर्वाचित राष्ट्रपति, 35 वर्षीय बोरिस ने कम्युनिस्ट पार्टी, क्रिश्चियन वामपंथी समूह और क्षेत्रीय संगठनों के गठबंधन, नए वाम के नुमाइंदे की हैसियत से शिक्षा के समान सार्वभौमिक अधिकार और सुलभता की मांगों को लेकर 2011-13 के छात्र आंदोलनों में सक्रियता से राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में स्थान बनाया।

No Image

सुरक्षा की आड़, पर्यावरण की मार

December 17, 2021 admin 0
Share:

सर्वोच्च न्यायालय में रक्षा मंत्रालय सीमा को जोडऩे वाले मार्गों के संदर्भ में यह अपील लेकर गया है कि नीति मार्ग सहित सीमा को जाने वाले मार्गों की चौड़ाई कम-से-कम 10 मीटर होनी चाहिए, क्योंकि ये रणनीतिक महत्त्व के मार्ग हैं और इनसे ब्रह्मोस-जैसी मिसाइल सीमा पर पहुंचाई जानी है। आज ये मार्ग सुरक्षा के लिए इतने महत्त्वपूर्ण होने के बावजूद सत्य यह है कि ये मार्ग आवाजाही के लिए महीनों बंद रहते हैं और राष्ट्रीय मीडिया में खबर तक नहीं बनती। नीति मार्ग जब अगस्त में हफ्ते भर से ज्यादा बंद रहा तो जोशीमठ में इस मार्ग को शीघ्र खोले जाने के लिए आंदोलन हुआ, आमरण अनशन किया गया। तब जाकर 15 दिन बाद मार्ग खुल पाया। यह महज इस साल का मसला नहीं है।

No Image

पृथ्वी के भविष्य का संकट

December 13, 2021 admin 0
Share:

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के 26वें सम्मेलन के समापन सत्र में 200 पक्षकार देशों ने एक समझौते पर दस्तखत किए। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों के इकलौते सबसे बड़े स्रोत कोयले को ‘फेज आउट’ (चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने) के बजाय ‘फेज डाउन’ (धीरे-धीरे घटाने) करने का जो भाषाई घपला समझौते के कानूनी मसौदे में किया गया, उसने उन 37 देशों की आपराधिक मिलीभगत को उजागर कर दिया जो दिसंबर, 2020 में पूरी हुई क्योटो संधि की दूसरी वचनबद्धता अवधि के अंतर्गत बाध्यकारी प्रावधानों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं।

No Image

नब्बे के इरफान हबीब

September 23, 2021 admin 0
Share:

– शुभनीत कौशिक मध्यकालीन भारत के दिग्गज इतिहासकार इरफान हबीब अगस्त, 2021 में नब्बे वर्ष के हो गए हैं। बीसवीं सदी के छठे दशक में […]

No Image

क्या स्वास्थ्य हमारे लिए अब भी प्राथमिकता नहीं है?

June 15, 2021 admin 0
Share:

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बहुत पहले से हमारे तबाहहाल स्वास्थ्य ढांचे के प्रति चेतावनी देते आ रहे हैं, लेकिन उनकी सबसे निराशाजनक भविष्यवाणियों में भी इतनी बदतर हालत की कल्पना नहीं की गई थी। इसने हमारे शासकों की हद दर्जे की संवेदनहीनता और खुदगर्जी को तो बेनकाब कर ही दिया है, साथ ही समस्या को कमतर आंकने वाली उनकी शुतुरमुर्गी दृष्टि और खोखले अहंकार को भी चकनाचूर किया है।

No Image

महामारी का विस्फोट

May 25, 2021 admin 0
Share:

महामारी विज्ञान के सारे विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अभी कोरोना के इस दूसरी लहर का सबसे बदत्तर रूप आना बाकी है।  अनुमान है कि इस लहर का सबसे बदत्तर रूप इस माह के मध्य  तक आ सकता है, जब प्रतिदिन कम-से-कम पांच से छह लाख लोग कोरोना के शिकार हो सकते हैं। इसकी पुष्टि इस तथ्य से भी होती है कि कोरोना से घोषित तौर पर संक्रमित लोगों की संख्या में प्रतिदिन हजारों की संख्या में नहीं बल्कि लाखों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जबकि जांच की रफ्तार महामारी के फैलाव की तुलना में काफी धीमी है, दस दिनों के भीतर(18 से 27 अप्रैल) कोरोना संक्रमित घोषित लोगों की संख्या 19,29,329 से बढ़कर 29,78,709 हो गई है यानी दस दिन में 10 लाख से अधिक की वृद्धि।

No Image

युद्ध और विस्थापन की विभीषिका

December 21, 2020 admin 0
Share:

पड़ोसी बांग्लादेश अपनी स्वतंत्रता की आधी सदी अगले वर्ष पूरा करेगा। भारत-पाक युद्ध का पटाक्षेप 16 दिसंबर,1971 को पाकिस्तानी सेना द्वारा आत्मसमर्पण के साथ हुआ था। इसके साथ ही लंबे मुक्ति संघर्ष के पश्चात बांग्लादेश का जन्म हुआ और ‘एक मजहब-एक राष्ट्र या धार्मिक राष्ट्रÓ का मिथक भंग हुआ। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक रामशरण जोशी उन चंद हिंदी पत्रकारों में से हैं जिन्होंने युद्ध क्षेत्र में रहकर सोनारा बांग्लादेश की प्रसव पीड़ा को कवर किया था। प्रस्तुत है उनकी युद्ध क्षेत्र की यादें और अनुभव।