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लोकतांत्रिक प्रहसन

June 25, 2021 admin 0
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लगतार राजनीतिक अस्थिरता के परेशान नेपाली संविधान निर्माताओं ने इस तरह की व्यवस्था करने का प्रयास किया ताकि पांच वर्ष तक चुनाव की जरूरत ही न पड़े और कोई न कोई सरकार देश में मौजूद रहे लेकिन जो व्यवस्था स्थिरता के लिए बनाई गई थी वही अस्थिरता और अनिश्चितता का कारण बन रही है।

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कर्तव्यच्युत होती राज्य सत्ता

May 25, 2020 admin 0
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अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों का खयाल रखने के लिए अमीरों का आह्वान किया और बंदी के दौरान प्रत्येक संपन्न परिवार से नौ गरीब परिवारों की मदद करने को कहा। यह संदेश बिलकुल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नजरिए से मेल खाता है, जहां राज्य के उपकरणों पर समाज भारी होता है। आरएसएस के विचारक दीनदयाल उपाध्याय ने पचास के दशक में ही राज्य निर्माण की नेहरूवादी अवधारणा के खिलाफ संघर्ष शुरू कर दिया था, जब आजादी के बाद केंद्र द्वारा शुरुआती सरकारी अस्पताल बनाए जा रहे थे।

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कोरोना वायरसः बीमारी का सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ

April 14, 2020 admin 0
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दुनिया के सामने स्पष्ट हो चुका है कि कोरोना वायरस से पहले की दुनिया, कोरोना वायरस के बाद की दुनिया में , बहुत फर्क आ चुका है। कोरोना का डर दिखा कर जिस तरह से पूरी दुनिया में तानाशाही की रिहर्सल हो रही है यह लंबे समय तक इस तरह नहीं टिक पाएगी। कोरोना के नाम पर साम्राज्यवाद अपना आर्थिक संकट टाल नहीं पाएगा।