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फासीवाद की बढ़ती छाया

November 18, 2022 admin 0
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इतालवी और योरोपीय समाज में सतह के नीचे मौजूद फासीवादी विचारधारा के प्रभाव को रेखांकित करते हुए प्रसिद्ध इतालवी उपन्यासकार और निबंधकार अम्बर्तो इको ने लिखा था, ”उर-फासीवाद (आंतरिक फासीवाद) लगातार हमारे आस पास है, कई बार तो बिल्कुल ही सादे कपड़ों में। यह हमारे लिए बहुत ही सामान्य बात होगी कि कोई व्यक्ति इस परिदृश्य में हमारे सामने आए और कहे, मैं आउशवित्स को फिर से खोलना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि इटली के चौराहों पर काली कमीज वाले लोग परेड करें।”

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आप्रवासियों के देश में भारतवासी

November 16, 2022 admin 0
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– रामशरण जोशी राष्ट्रपति बाइडेन ने स्पष्ट शब्दों में स्वीकार किया है कि अमेरिका आप्रवासियों का राष्ट्र है। इसके मायने हैं कि अमेरिका श्वेतों का […]

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पराकाष्ठा से पराभव तक

August 16, 2022 admin 0
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– रामशरण जोशी   ”सविनय अवज्ञा नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार है। वह अपने इस अधिकार को अपना मनुष्यत्व खोकर ही छोड़ सकता है। सविनय अवज्ञा […]

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चिली का चुनावः गैब्रियल बोरिस की जीत के मायने

January 17, 2022 admin 0
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नव निर्वाचित राष्ट्रपति, 35 वर्षीय बोरिस ने कम्युनिस्ट पार्टी, क्रिश्चियन वामपंथी समूह और क्षेत्रीय संगठनों के गठबंधन, नए वाम के नुमाइंदे की हैसियत से शिक्षा के समान सार्वभौमिक अधिकार और सुलभता की मांगों को लेकर 2011-13 के छात्र आंदोलनों में सक्रियता से राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में स्थान बनाया।

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लोकतांत्रिक प्रहसन

June 25, 2021 admin 0
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लगतार राजनीतिक अस्थिरता के परेशान नेपाली संविधान निर्माताओं ने इस तरह की व्यवस्था करने का प्रयास किया ताकि पांच वर्ष तक चुनाव की जरूरत ही न पड़े और कोई न कोई सरकार देश में मौजूद रहे लेकिन जो व्यवस्था स्थिरता के लिए बनाई गई थी वही अस्थिरता और अनिश्चितता का कारण बन रही है।