
ऋषिगंगा की तबाही हमारी मूर्खता का नतीजा है
शैलेश नदियों की धार हमारे जीवन का आधार रही है। सारी दुनिया की सभ्यता का इतिहास नदी-घाटियों का इतिहास है। नदियों ने मनुष्यता को […]
शैलेश नदियों की धार हमारे जीवन का आधार रही है। सारी दुनिया की सभ्यता का इतिहास नदी-घाटियों का इतिहास है। नदियों ने मनुष्यता को […]
पड़ोसी बांग्लादेश अपनी स्वतंत्रता की आधी सदी अगले वर्ष पूरा करेगा। भारत-पाक युद्ध का पटाक्षेप 16 दिसंबर,1971 को पाकिस्तानी सेना द्वारा आत्मसमर्पण के साथ हुआ था। इसके साथ ही लंबे मुक्ति संघर्ष के पश्चात बांग्लादेश का जन्म हुआ और ‘एक मजहब-एक राष्ट्र या धार्मिक राष्ट्रÓ का मिथक भंग हुआ। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक रामशरण जोशी उन चंद हिंदी पत्रकारों में से हैं जिन्होंने युद्ध क्षेत्र में रहकर सोनारा बांग्लादेश की प्रसव पीड़ा को कवर किया था। प्रस्तुत है उनकी युद्ध क्षेत्र की यादें और अनुभव।
तरुण भारतीय आंख खुलते ही व्हाट्सएप संदेश देखा कि कांग स्पेलिटी नहीं रहीं। वह 28 अक्टूबर की रात 11 बजे चल बसीं। डॉमियासियाट् की महामाता […]
उत्तरा बिष्ट शायद बहुत कम लोग मल्लपुरम, केरल की रहने वाली नौवी कक्षा की छात्रा, देविका बालाकृष्णन को जानते होंगे। देविका ने इस वर्ष […]
अवमानना के सजा योग्य अपराध होने का इतिहास बताता है कि पहले इंग्लैंड में राजा खुद न्याय करता था। बाद मैं राजा ने न्याय का काम कुछ न्यायाधीशों को अपने प्रतिनिधि के तौर पर सौंपा। तो न्यायाधीशों की निंदा, राजा की निंदा मानी गई और इसलिए दंडनीय हुई। ऐतिहासिक रूप से और जन्म से, अवमानना के अपराध का औचित्य राजा और राज के प्रति जनता के रवैये को प्रभावित करने को लेकर है और न्यायपालिका का खुद को अपमानित महसूस करने का कोई सवाल नहीं है।
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