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दो समाजों की वापसी का अंतर

July 14, 2022 admin 0
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कोई रूढि़वादी, यथास्थितिवादी या फिर सांप्रदायिक मान्यताओं वाला नेतृत्व किसी समाज का क्या कर सकता है, आज संभवत: इसका सबसे अच्छा उदाहरण अमेरिकी समाज है। यद्यपि संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्तमान में रिपब्लिकन पार्टी सत्ता से बाहर है, पर वह किस तरह का नस्लवादी या यथास्थितिवादी दबाव किसी समाज पर बना सकती है, इसे अमेरिका से सीखा और समझा जा सकता है। आज यह समाज सिर्फ कालों के लिए ही चुनौतियों भरा नहीं है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए खतरनाक है जो रंग रूप में ‘गोरा’ (योरोपीय नस्ल का) नहीं है, अपनी मान्यताओं में उदार और व्यवहार में सहिष्णु है।

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शिरीन अबू अक्लेह

June 24, 2022 admin 0
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– चंद्र प्रकाश झा बुधवार 11 मई 2022 को जोर्डन नदी के किनारे इजरायल अधिकृत वेस्ट बैंक क्षेत्र में बसे फलिस्तीन के प्राचीन शहर जेनिन […]

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लेखकीय प्रतिरोध की नई मिसाल

June 24, 2022 admin 0
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– धीरेश सैनी लोकतांत्रिक संस्थाओं से लेकर शैक्षणिक-सांस्कृतिक क्षेत्र तक तेज हो रहे भगवाकरण के हमलों के बीच बुद्धिजीवी वर्ग के प्रतिरोध के तरीके परिस्थितियों […]

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ऐतिहासिक धार्मिक-सांस्कृतिक इमारतों के प्रति नजरिया क्या हो?

June 19, 2022 admin 0
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सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ऐसी याचिकाओं को सुनने की निचली अदालतों के अधिकार की स्वीकृति ने ऐतिहासिक धार्मिक-सांस्कृतिक स्थलों के संदर्भ में एक नई बहस और संघर्ष को जन्म दे दिया है, जिनके बारे में यह माना जाता था कि इस तरह की बहसों और संघर्षों का पटाक्षेप 1991 के पूजा स्थल कानून ने कर दिया है।

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मार्क्सवादी विमर्श के आयाम

June 15, 2022 admin 0
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ऐजाज अहमद के चिंतन के केंद्र में बीसवीं सदी में पूरी दुनिया में चलने वाले उपनिवेश-विरोधी राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन हैं। आजाद होने के बाद इनमें से कुछ ने पूंजीवाद की ओर कदम बढ़ाया और कुछ ने समाजवाद की दिशा में बढऩे का प्रयास किया। ऐजाज अहमद इन प्रयासों की बारीकी से पड़ताल करते हैं, खास तौर पर समाजवाद के सामने आने वाली कठिनाइयों की छानबीन से वह यह निष्कर्ष निकालते हैं।

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छोटी पत्रिकाएं बड़े लक्ष्य

June 15, 2022 admin 0
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मई के पहले पखवाड़े में उत्तराखंड के बड़े औद्योगिक शहर रुद्रपुर से लगे उतने ही छोटे कस्बे, दिनेशपुर में, जो मूलत: भारत विभाजन के बांग्ला […]

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‘विचारधारात्मक हिंसा का हिंदू समय’

May 19, 2022 admin 2
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जी हां, पहली बार, बिल्कुल पहली बार… रामनवमी पर शोभा यात्रा निकलने के दौरान सांप्रदायिक हिंसा होने और उसकी आड़ में ‘बुलडोजर राजनीति’ के परवान चढऩे की खबरें सामने से गुजरीं। हिंदुओं के दो प्रसिद्ध त्यौहार रामनवमी और हनुमान जयंती पर अप्रैल महीने में हिंसा की जो घटनाएं सामने आई हैं, उनके भयावह सच की प्रतिध्वनियां लंबे समय तक सुनाई देंगी।

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अंधे मोड़ से पहले

May 12, 2022 admin 0
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कांग्रेस पार्टी का संकट सिर्फ चुनावी हार तक सीमित नहीं है, वह सांगठनिक संकट से भी गुजर रही है। 2019 के लोकसभा के आम चुनावों के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। करीब तीन वर्ष होने को जा रहे हैं, कांग्रेस पार्टी के पास कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं है।